Presenting "Rimjhim Gire Sawan" Video song with Hindi Lyrics in the voice of Papon & Shreya Ghoshal from Hindi movie "Music Teacher" original lines taken from the Amitabh Bachchan's movie Manzil (1979). Lyrics of rimajhim gire saavan sulag sulag jae mann has written by Yogesh while Music of this song has given by Rochak Kohli.
Song | Rimjhim Gire Sawan |
Movie | Music Teacher |
Singer(s) | Papon, Shreya Ghoshal |
Lyricist | Yogesh |
Music | Rochak Kohli |
Label/Banner | Yoodlee Films |
रिम-झिम गिरे सावन लिरिक्स
Male:
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
Female:
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
Both:
रिम-झिम गिरे सावन ...
Male:
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
Female:
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
Female:
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
Both:
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
Male:
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
Female:
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
Male:
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
Female:
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
Female:
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
Both:
रिम-झिम गिरे सावन ...
Male:
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
Female:
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
Female:
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
Both:
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
Male:
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
Female:
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
Male:
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
Female:
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन ओरिजिनल लिरिक्स
(लता मंगेश्कर)
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल,
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
इस बार सावन दहका हुआ है,
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पीके चली क्या पवन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
(किशोर)
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल,
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
इस बार सावन दहका हुआ है,
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पीके चली क्या पवन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
(किशोर)
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
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