Ambe Tu Hai Jagdambe Kali is a Navratri Devi Aarti Bhajan in Hindi. This Devi Aarti is sung by Anuradha Paudwal, music is composed by Arun Paudwal while lyrics is in Traditional form and labeled by T-series.
Devi Aarti: Ambe Tu Hai Jagdambe Kali
Album: Aartiyan
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Arun Paudwal
Lyricist: Traditional
Music Label: T-Series
Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Hindi Lyrics
अम्बे तू है जगदम्बे काली..
जय दुर्गे खप्पर वाली..
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया ! हम सब उतारे तेरी आरती...
(अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती...)
तेरे भक्त जनों पे माता भीड पड़ी है भारी...
(भीड़ पड़ी है भारी)
दानव-दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी...
(करके सिंह सवारी)
तेरे भक्त-जनों पे माता भीड पड़ी है भारी...
(भीड़ पड़ी है भारी)
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी...
(करके सिंह सवारी)
सौ-सौ सिहों से भी बलशाली..
है दस भुजाओं वाली..
दुखियों के दुखड़े निवारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती...
(अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती)
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता...
(बड़ा ही निर्मल नाता)
पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता...
(माता सुनी कुमाता)
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता...
(बड़ा ही निर्मल नाता)
पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता...
(माता सुनी कुमाता)
सब पे करूणा दर्शाने वाली..
अमृत बरसाने वाली..
दुखियों के दुखड़े निवारती,
ओ मैया, हम सब उतारे तेरी आरती...
(अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया, हम सब उतारे तेरी आरती)
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना..
(न चांदी न सोना)
हम तो मांगें माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना..
(एक छोटा सा कोना)
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना..
(न चांदी न सोना)
हम तो मांगें माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना..
(एक छोटा सा कोना)
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना..
(न चांदी न सोना)
हम तो मांगें माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना..
(एक छोटा सा कोना)
सबकी बिगड़ी बनाने वाली..
लाज बचाने वाली..
सतियों के सत को संवारती,
ओ मैया, हम सब उतारे तेरी आरती...
(अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती...)
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